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नगर परिषद् की 3 घंटे कार्रवाई 20 मिनट में जब्त सामान रिटर्न

नगर परिषद् की 3 घंटे कार्रवाई 20 मिनट में जब्त सामान रिटर्न
@HelloBanswara - -

खबर से पहले जानिए... नगर परिषद में लचरदार सिस्टम के हिस्सेदार उन अफसरों को, जिनके रहते कलेक्टर के अादेश के बाद भी शहर में अतिक्रमण नहीं हट सकता 

ओएस कमलनयन आचार्य : नगर परिषद से 23 लोगों की टीम ने दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक कार्रवाई कर सामान जब्त किया। दुकानदार-व्यापारियों से नाराजगी मोल ली क्योंकि हमारा शहर साफ हो, सड़कें चौड़ी हो। ओएस ने बिना रसीद या औपचारिकता के स्टोर का ताला खुलवाकर सारा सामान 20 मिनट के भीतर लौटा दिया। खुद बोले-ऐसी कार्रवाई करते क्यों है, व्यापारी परेशान होते हैं? 
आयुक्त प्रभुलाल भाभोर: कलेक्टर आशीष गुप्ता के निर्देश पर औपचारिकता में कार्रवाई का पत्र तो निकाला लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए। कार्रवाई से नाराज लोगों ने सीधे भाभोर को फोन लगाया और उन्होंने ओएस से बात की। अब यह सवाल उठा रहा है कि क्या भाभोर ने ओएस आचार्य को बिना पर्ची के सामान वापस देने के निर्देश दिए थे। 

3 घंटे कार्रवाई 20 मिनट में जब्त सामान रिटर्न 

नगर परिषद ने शहर की सड़कों पर पसरे अतिक्रमण को साफ करने के लिए शुक्रवार को आक्रामक तेवर दिखाते हुए अभियान शुरू किया। जेसीबी और 23 सदस्यों की एक्शन टीम की मदद से परिषद ने कई अतिक्रमण ध्वस्त किए। अवैध निर्माण से लेकर सड़क तक पसरे दुकानाें के सामान को भी भारी मात्रा में जब्त किया गया। तीन घंटे की कार्रवाई के बाद टीम ने जब्त सामान को नगर परिषद के भंडार कक्ष में जमा करा दिया। लेकिन, इसके बाद एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ और महज 20 मिनट में जब्त किया पूरा सामान ओएस ने मनमाने तरीके से बिना पर्ची काटे ताला खुलवाकर लौटा दिया। इसे ऊपरी मंजिल पर बैठी टीम मायूसी से देखती रही। इसे पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर ओएस बिना पर्ची काटे जब्त सामान कैसे दे सकता है? अगर कार्रवाई के नाम पर महज दिखावा ही करना था तो दिनभर टीम से मशक्कत, जेसीबी और ट्रैक्टर का खर्चा किसलिए? मौके पर यह भी चर्चा रही कि मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कॉल किया है फिर सामान तो देना ही था। लेकिन भास्कर ने उनसे बात की तो उन्होंने फोन करने से इनकार किया। उलटे कहा कि वे शहर में अतिक्रमण हटाने के पक्ष में है। लेकिन व्यापारियों को पूर्व में नोटिस जरूर दिया जाना चाहिए।

बड़ा सवाल: बिना स्वीकृति ओएस ने आखिर कैसे दे दिया सामान, दिखावा ही करना था तो दिनभर मशक्कत-जेसीबी का खर्चा किसलिए? 

नगर परिषद की एक्शन टीम शुक्रवार दोपहर 2 बजे बाद सुभाष नगर पहुंची। यहां एक निजी स्कूल के पास संकरी गली में एक अधिवक्ता के मकान के पीछे आम रास्ते पर अतिक्रमण कर रखा था। जेसीबी से अतिक्रमण ध्वस्त किया। टीम उदयपुर रोड स्थित नूतन स्कूल के पास पहुंची। यहां स्कूल दीवार से लगती अवैध घुमटियों को हटाया। कुछ व्यापारियों ने विरोध जताया लेकिन टीम नहीं रुकी और गुमटियाें को जब्त कर ट्रैक्टर में भरना जारी रखा। जोधपुर मिष्ठान भंडार के समीप एक ज्यूस सेंटर से अतिक्रमण हटाया। यहां सड़क तक गुमटी लगाकर जमाई कुर्सियां जब्त कर ली गई। टीम जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई। अवैध रूप से काबिज अवैध ठेला विक्रेता सामान बटोर भागते नजर आए। पाला पुल पर टीम सदस्यों ने ट्रैक्टर से उतरते ही ताबड़तोड़ सड़क के समीप फुटपाथ तक फैला रखे सामान को जब्त करना शुरू किया। इसे देख व्यापारियों ने एतराज जताया। टीम ने सड़क तक लगा रखी कुर्सियां, रेफ्रीजरेटर के स्टैंड से लेकर सामान जब्त कर लिया। गांधी मूर्ति पर ठेला विक्रेताओं तक सूचना पहुंच चुकी थी। इसलिए टीम के आने से पहले मैदान साफ हो गया। यहां टीम ने एक दुकान के काफी बाहर तक रखे सामान को जब्त किया। टीम ने परिषद कार्यालय आकर सामान भंडार कक्ष में जमा करा दिया। इसके कुछ देर बाद ही कुछ व्यापारी विरोध करते हुए परिषद कार्यालय पहुंचे। लेकिन, समझाइश पर वह लौटने लगे। इसी बीच कार्यवाहक अधीक्षक कमलनयन आचार्य ने सुरक्षा गार्ड को बुलाया और ताला खुलवाकर जब्त किया पूरा सामान वापस दे दिया। ओएस खुद ही परिषद की कार्रवाई पर सवाल उठाते नजर आए। इस दौरान दबंगई दिखा रहे युवक ने आयुक्त प्रभुलाल भाभोर का कॉल बताते हुए कमलनयन से बात कराई। युवक बोला कि मंत्री जी का कॉल आया है तो देना ही पड़ेगा। कार्रवाई टीम में टीपीए प्रमोद पटेल, कनिष्ठ अभियंता पराग दवे, इंस्पेक्टर सुरेश डामाेर के अलावा 4 जमादार, नगर परिषद कर्मचारी समेत 23 जने शामिल रहे। 

जब्त सामान बिना पर्ची के लौटाने में मंत्री बामनिया का नाम, पूछा तो बोले-मैंने फोन नहीं किया, शहर में अतिक्रमण हटना ही चाहिए 
कार्रवाई के बाद व्यापारियों और दुकानदारों को बिना शर्त सामान देने के दौरान यह बात उठी कि मंत्री अर्जुन बामनिया ने फोनकर सामान लौटाने के लिए कहा। मंत्री बामनिया से बातकर इस बारे में पूछा तो उन्होंने फोन करने की बात से साफ तौर पर इनकार किया। उनका कहना था कि वे चाहते कि शहर में अतिक्रमण हटें। टीम को निष्पक्ष तौर पर कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन अतिक्रमण हटाने से पहले व्यापारियों को नोटिस जरूर दिए जाने चाहिए। इसके बाद भी अगर कोई सामान नहीं हटा रहा तो जब्त कर पर्ची काटने की कार्रवाई करनी चाहिए।

व्यापारियों ने कहा बिना नोटिस सामान किया जब्त, बदसलूकी भी की 
इधर, नगर परिषद की कार्रवाई पर व्यापारियों ने एतराज जताया है। गुस्साए व्यापारी नगर परिषद पहुंचे और कार्रवाई पर सवाल उठाए। पाला पुल समीप गिफ्ट होम नाम की दुकान के संचालक आशीष ने आरोप लगाया कि परिषद की टीम उनकी 150 कुर्सियां ले गई। किंग्स इलेक्ट्रॉनिक्स के हुजेफा का कहना था कि उनके फ्रीज स्टैंड ले गए। व्यापारी सत्यनारायण पोरवाल ने परिषद टीम के उनसे हाथापाई करने के आरोप लगाए। एक चाट सेंटर के संचालक ने भी 50 स्टील की प्लेट हड़पकर ले जाने का आरोप लगाया। व्यापारियों का कहना था कि कार्रवाई के संबंध में या अतिक्रमण को लेकर परिषद की ओर से पहले कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और आनन-फानन में व्यापारियों का सामान खुर्द-बुर्द कर दिया। हालांकि, कार्रवाई टीम ने साफ कहा कि, उन्होंने वही सामान जब्त किया जो सड़क या फुटपाथ पर रखा गया था।

जवाब से बचने के लिए आयुक्त ने नहीं उठाया फोन 
कार्यवाहक आयुक्त प्रभुलाल भाभोर से जब जब्त सामान बिना पर्ची के वापस लौटाने के मामले पर सवाल करने के लिए हमारे संवाददाता ने कॉल 5:54 पर कॉल किया तो रिसीव नहीं किया। इसके बाद तीन अलग-अलग नंबरों से लगातार कॉलिंग कर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ओएस ने बिना पर्ची सामान कैसे लौटा दिया? क्या भाभोर ने ऐसा आदेश दिया था, अगर दिया तो कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना कैसे सामान लौटाया ? नगर परिषद की दिनभर की कार्रवाई और इसके लिए लगाए जेसीबी और ट्रैक्टर के खर्चे का भुगतान कौन करेगा? 

 

By Bhaskar

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