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जनजातीय विश्वविद्यालय का नया पाठयक्रम पारित

जनजातीय विश्वविद्यालय का नया पाठयक्रम पारित
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Banswara June 18, 2019 - गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय की विद्या परिषद् की बैठक कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी की अध्यक्षता में सोमवार को राजकीय अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, बाँसवाड़ा में सम्पन्न हुई। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए वहीं विश्वविद्यालय के नवीन पाठ्यक्रम को पारित किया गया।  
 

बैठक के आरंभ में कुलसचिव सोहन सिंह ने 11 जुलाई 2018 को सम्पन्न बैठक के कार्यवृत्त का वाचन किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक डॉ. नरेन्द्र पानेरी ने आगामी सत्र 2019-20 से स्नातक कला एवं वाणिज्य का पाठ्यक्रम प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में अनिवार्य विषय के रूप में हिन्दी तथा पर्यावरण तथा द्वितीय वर्ष में अंग्रेजी एवं सामान्य अध्ययन का अध्यापन करवाया जायेगा। जिसके साथ विद्यार्थी अपने द्वारा चयनित तीन ऐच्छिक विषयों के दो-दो प्रश्न पत्रों का अध्ययन करेगा। इस प्रकार प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में पूर्णांक 800-800 अंक का तथा तृतीय वर्ष में 600 अंक का करके कुल पूर्णांक स्नातक स्तर पर 2200 करने का प्रस्ताव रखा। जिसे सर्वानुमति से स्वीकृत किया गया।  
विश्वविद्यालय के अध्ययन बोर्ड की अनुशंसा पर स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाआंें के हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास एवं अर्थशास्त्र का पाठ्यक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं एवं स्थानीय परिवेश के अनुरूप तैयार किया गया है। इसी प्रकार वाणिज्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर के भी नवीन पाठ्यक्रम का निर्धारण किया गया। पावरपोईन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से डॉ. पानेरी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने वाणिज्य एवं कला संकाय के सभी स्नातकोत्तर विषयों के पूर्णांक को समरूपता प्रदान करते हुए पूर्वार्द्ध  के 500तथा उत्तरार्द्ध के 500 करते हुए कुल 1000 का पूर्णांक निर्धारित किया ।  
स्नातक कला एवं वाणिज्य वर्ग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की कक्षाओं के अंक विभाजन के अनुसार ही स्नातक विज्ञान वर्ग ;ठण्ैबण्द्ध का अंक विभाजन करने हेतु तीनों वर्षों मे प्रायोगिक परीक्षा के पूर्णांक 75 के स्थान पर 50 करने एवं गणित विषय जिसमें प्रायोगिक नहीें है उनके प्रथम प्रश्न पत्र को 70 तथा द्वितीय व तृतीय को 65 करते हुए विज्ञान स्नातक के पूर्णांक को क्रमशः प्रथम वर्ष मंे 800 द्वितीय वर्ष में 800 एवं तृतीय वर्ष में 600 करते हुए कुल पूर्णांक को 2200 का करते हुए तीनों संकायों मे समरूपता करने का प्रस्ताव पारित किया गया। स्नातक द्वितीय वर्ष मे आगामी सत्र 2019-20 से अनिवार्य विषय के रूप में एलीमेन्ट्री कम्प्यूटर के स्थान पर सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्र पढ़ाया जायेगा। जिसके प्राप्तांक प्रतिशत में जोड़े जायेंगे।  
वेद विज्ञान पर पाठ्यक्रम प्रारंभ:  
इस अवसर पर वेद विद्यापीठ के अन्तर्गत एक वर्षीय सनातन वेद विज्ञान पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया जिसमें 12 वीं उत्तीर्ण कोई भी विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है। इसी तरह स्वरोजगार एवं कौशल विकास को ध्यान मे रखते हुए विश्वविद्यालय ने एक वर्षीय डिप्लोमा इन होटल मेनेजमेन्ट का पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया है जिसमें किसी भी संकाय से सीनियर उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश ले सकता है। विद्यार्थी परिष्द की बैठक में शोध निदेशक डॉ0 महीपाल सिंह ने रिसर्च ओर्डिनेन्स में संशोधन करते हुए शोधार्थियों की पंजीयन तिथि पी.एचडी. कोर्सवर्क पूर्ण करने की दिनंाक से करने का प्रस्ताव रखा। जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।  
बैठक में राजभवन द्वारा नोमिनी डॉ. के.एन. मिश्रा, प्रो. जी.एस.राठौड, डॉ. डी.के जैन, डॉ. राकेश डामोर, डॉ. महीपाल सिंह, डॉ. सीमा भूपेन्द्र, डॉ अलका रस्तोगी, डॉ. मधु उपाध्याय, डॉ. अन्जना रानी, डॉ. किरण पुनिया, डॉ. रक्षा निनामा, डॉ. राजेश जोशी, डॉ शफक्त राना, डॉ. लक्ष्मण सरगडा, डॉ. भूपेन्द्र शर्मा, उपनिदेशक जनसम्पर्क कमलेश शर्मा तथा डॉ. नरेन्द्र पानेरी उपस्थित थे। बैठक का संयोजन विष्वविद्यालय के कुलसचिव सोहन सिंह द्वारा किया गया।    
 

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